बलात्कारी को शह देने वाला दरोगा से पूछने पर पत्रकार को बेरहमी से पीटा

स्लग – पुलिस की वर्दी को शर्मशार करती घटना आई सामने ।
गाजीपुर / मऊ – जिस खाकी के वर्दी से लोगों मे इज्जत आबरू बचने की ड्यूटी होती है , अगर वही खाकी वर्दी मुजरिम को बचाने में लग जाए , तो ऐसी खाकी वर्दी शर्मशार ही करेगी । ऐसे में पीड़ित चाहे दर दर की ठोकरे खाने को ही मजबूर क्यों न हो जाएगा । पुलिस को क्या फर्क पड़ता है ? आप इस तस्वीर को गौर से देखिए , ये तस्वीर उस महिला की है | जो मऊ जिले की रामपुर बेलौली थाने के शुकुल पट्टी गांव की रहने वाली है । जिसके साथ होली के दिन गांव के एक लड़के ने बलात्कार कर दिया । महिला थाने पर मुकदमा दर्ज कराने जब गयी तो पुलिस वालों ने महिला को डांट डपट कर थाने से भगा दिया । अगले दिन बलात्कार पीड़िता फिर थाने में मुकदमा दर्ज कराने पहुचती है , लेकिन पुलिस वालों ने महिला को घंटो थाने में बैठाए रखा । महिला जब मधुबन में पत्रकार अजय गुप्ता से संपर्क करती है |
और तब अजय गुप्ता रामपुर बेलौली थाने पहुँचकर महिला का बयान लेकर खबर बनाने लगते है , खबर बनाए जाने से नाराज पुलिस वालों ने पत्रकार अजय गुप्ता को बुरी तरह मारपीट कर उनका एक मोबाइल तोड़ देते हैं | जबकि दूसके मोबाइल का सारा वीडियो डिलीट कर मोबाइल को फार्मेट कर देने हैं । जब पत्रकार के साथ मारपीट की घटना अन्य पत्रकारों को हुई , तो मधुबन के पत्रकारों ने सी०ओ० मधुबन सहित पुलिस अधीक्षक को पत्रकार के साथ मारपीट की सूचना देते हैं । मामला तूल पकड़ता देख रामपुर बेलौली पुलिस आनन फानन में महिला की एफ० आई० आर० दर्ज कर मुजरिम को पकड़कर जेल में डाल देते हैं । लेकिन बलात्कार पीड़िता का न तो मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया जाता है , और नही उसका मेडिकल करने की पुलिस जहमत उठाती है ।
पीड़ित महिला अपने दुधमुहे बच्चे को लेकर जनपद मुख्यालय के कलेक्ट्रेट में पुलिस अधीक्षक से मिलने चली आती है । घंटो इन्तज़ार करने के बाद जब पीड़ित महिला ने कप्तान से मुलाकात की तो कप्तान से सिर्फ आश्वासन ही मिला । एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार थानों में मिशन शक्ति योजना चला रही है , जहां महिलाओं को तुरंत न्याय दिलाने की बात कही जा रही है | लेकिन मिशन शक्ति योजना को रामपुर बेलौली पुलिस पूरी तरह से फेल करती नज़र आ रही है । धिक्कार है ऐसे पुलिस वालों पर जो वर्दी पहनकर सरकार का वेतन उठाते हुवे , जनपद की महिलाओं को न्याय दिलाने की बजाए , उन्ही पीड़ित महिलाओं का शोषण करते हैं । इस पीड़ित महिला को उसके दुधमुहे बच्चे के साथ जिसने भी कलेक्ट्रेट में देखा उसका कलेजा फटा का फटा रह गया । पैसे के अभाव में कलेक्ट्रेट पहुचीं , बलात्कार पीड़िता पुलिस अधीक्षक से मिलने की आस में पीड़ित महिला अपने डेढ़ वर्ष के बच्चे की भूख को समोसा खिलाकर शांत कराती नज़र आई ।
दुख होता है कि ऐसी घटनाओं को देख कर जहां अपने ही मऊ जनपद के रामपुर बरलौली थाने की पुलिस एक पत्रकार को सरेआम वर्दी की रौब दिखाते हुवे मारते पीटते है , और एक बलात्कार पीड़िता सरकारी सिस्टम के आगे अपने बच्चे के साथ पिसती नज़र आती है | और अधिकारी अपने विभाग के पुलिस कर्मियों को सस्पेंड न करके उन. पर कार्यवाई करने की बजाए ऐसे पुलिस वालों को खुलेआम सरकारी सिस्टम को रौंदने के लिए छोड़ देते हैं । अब देखना यह होगा कि पुलिस अधीक्षक से मिलने के बाद और मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद भी कोई कार्यवाई होती है या नहीं ।
रिपोर्टर संवाददाता –