अपना ग़ाज़ीपुर

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान और राजस्व अधिकारियों की वार्ता हुई फेल।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान और राजस्व अधिकारियों की वार्ता हुई फेल।

सुजीत कुमार सिंह

ग़ाज़ीपुर: ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए अधिकृत की गई , जमीनों का मुआवजा कम दिए जाने को लेकर सरायबन्दी, हृदयपुर के किसान पिछले कई महीनों से नाराज चल रहे है। आज दिन रविवार को किसानों को मानने के लिए किसानों के बीच सदर एसडीएम प्रतिभा मिश्रा , सदर तहसीलदार अभिषेक कुमार सिंह, नायब तहसीलदार राहुल सिंह पहुचें । लेकिन मौजूद किसानो ने एक स्वर मे कहा कि सरकार द्वारा जो घोषणाएं होती है , उसको अमल में नहीं लाया जा रहा है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस गाजीपुर के शेखपुर से माझी घाट तक बनना है। उसका मुआयजा सरकार द्वारा 2015 के सर्किल रेट पर देना चाहती है , जबकि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के हिसाब से हर साल 20 फीसदी की बढ़ोतरी करके मुआवजा देना चाहिए। किसानों और राजस्व अधिकारियों के बीच घंटों चले बातचीत के बाद भी कोई निष्कर्ष नही निकला , जबकि किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। किसान वीरेंद्र राजभर ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सर्किल रेट ज्यादा और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर सर्किल रेट कम क्यों ? हम किसानों की जमीन को ओने पौने दामों में क्यों सरकार लेना चाहती है , जब तक हमारी जमीन का उचित मूल्य नहीं मिलेगा , हमलोग अपनी जमीन नहीं देंगे। किसान नेता महेंद्र सिंह ने कहां की सरकार जिस प्रकार अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को किसान के बीच भेज रही है , कि किसी भी तरीके से किसान को समझाया जा सके और एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण में आ रही , अड़चनों को दूर किया जा सके । लेकिन किसान अपनी जमीन दान में क्यों देगा । किसान का उचित मूल्य या फिर जमीन के बदले जमीन दे सरकार। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे में किसी भी किसान की जमीन सरकार द्वारा जबरजस्ती रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकती। इसके लिए किसी भी हद तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर सदर एसडीएम प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि कुछ किसान जमीन अधिग्रहण के लिए तैयार हैं , वही कुछ किसान अभी उहापोह की स्थिति में है । लेकिन जमीन का जो सर्किल रेट तय किया गया है , उसी के अनुसार मुवावजा मिलेगा। सर्किल रेट किसी भी स्थिति में बढ़ाया नहीं जाएगा। इस मौके पर किसान लालजी यादव, रामरतन यादव , नंदू राजभर , वीरेंद्र राजभर, रामलाल राजभर, शिवमूरत, जयमूरत सहित क्षेत्रीय लेखपाल विजय बहादुर और दर्जनभर गांवों के किसान मौजूद रहे।

रिपोर्टर संवाददाता –

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