करंडा थानाध्यक्ष ने मुकदमा लिखने की जगह समझौता कराने के लिए दे रहे हैं दबाव

करंडा थानाध्यक्ष ने मुकदमा लिखने की जगह समझौता कराने के लिए दे रहे हैं दबाव
फ्रॉड किया गया कुछ पैसा ले लो मुकदमा नहीं लिखा जाएगा- थानाध्यक्ष
गाजीपुर जिले के करंडा क्षेत्र में गरीब महिलाओं से वसूला गया , तीन लाख 19 हजार रू शाखा में जमा नहीं किया गया । जब इसकी शिकायत करने जनता सहित कर्मचारी पहुंचे , तो थानाध्यक्ष ने अपने कैंपस से बाहर भगाया । कैशपार माइक्रो क्रेडिट के कर्मचारियों ने बताया कि कैशपार माइक्रो क्रेडिट एक गैर लाभार जन हेतु (नॉट फॉर प्रॉफिट) संस्था है। जिसे भारत सरकार के कारपोरेट कार्य मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक उत्तरी क्षेत्र कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत लाइसेंस प्रदान किया गया है । जिसका सी आई एन नंo कॉर्पोरेट आइडेंटिफिकेशन नंबर U65910UP2002NPL027113 है। कैशपार माइक्रो क्रेडिट संस्था कंपनी रजिस्टर्ड उत्तर प्रदेश एवं उत्तरांचल के साथ पंजीकृत है । एवं देश के 05 अति पिछड़े राज्यों मे कार्य करती है , कैशपार माइक्रो क्रेडिट संस्था का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन है , जिससे हम गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को सूक्ष्म वित्तीय सेवाओं के साथ- साथ शिक्षा , स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते है । एवं pm स्वनिधि योजना के तहत ऋण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बना कर पूरा करते हैं ।
हमारी कंपनी के शाखा करंडा के शाखा प्रबंधक जयशंकर सिंह पुत्र कपिल देव सिंह निवासी ग्राम खड़न पोस्ट -खड़न थाना धानापुर जिला चंदौली द्वारा कुल 27 गरीब सदस्यों से ऋण की किस्त तीन लाख जन्नीस हजार छप्पन रु. (319056) वसूली करके धोखाधड़ी एवं बदनीयती से शाखा में न जमा करके गबन कर अपने पास रख लिया गया। जब कंपनी के अधिकारियों को पता चला कि पैसा अभी तक शाखा में जमा नहीं हुआ तो कंपनी के अधिकारी ने शाखा प्रबंधक जयशंकर से जब पूछे तो जयशंकर द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया और तब से भागे भागे फिरने लगे। कैशपार माइक्रो क्रेडिट के क्लस्टर हेड एंड इम्पेक्ट बिज़नेस मनोज कुमार सिंह ADO प्रदीप सिंह , DRM अतुल पांडे ने उक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए जब थानाध्यक्ष करंडा के पास उक्त मामले में धोखाधड़ी की शिकार हुई , सदस्यों को लेकर थाने में पहुंचे। थानाध्यक्ष द्वारा कोई सुनवाई नहीं किया गया । एवं पिछले 8 दिनों से लगातार क्लस्टर हेड एंड इम्पेक्ट बिज़नेस मनोज कुमार सिंह ADO प्रदीप सिंह एवं DRM अतुल पांडे व धोखाधड़ी के शिकार हुए सदस्यों के साथ करंडा थाने पर प्रतिदिन गुहार लगाया जा रहा है । करंडा थानाध्यक्ष का कहना है कि गबन हुए पैसो में कुछ पैसा मेरे पास है और आप कुछ पैसा ले लीजिए । किसी प्रकार का मुकदमा नहीं लिखा जाएगा ।
करंडा थानाध्यक्ष इस मामले पर दबाव बना कर समझौता कराने पर टिके हुए हैं । थानाध्यक्ष हरीनारायण शुक्ल द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि मुकदमा किसी हाल पर नहीं लिखा जाएगा , आप दोनों आपस में सुलह कर ले । क्लस्टर हेड एंड इम्पेक्ट बिज़नेस मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में करंडा थानाध्यक्ष हरिनारायण शुक्ला द्वारा लीपापोती किया जा रहा है । थानाध्यक्ष को जब मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा जा रहा है और उन्हें सबूत साक्ष्य दिया जा रहा है तो उनके द्वारा आनाकानी व अपसब्दो का प्रयोग कर थाना परिसर से भगा दिया जा रहा है । एवं कहा गया की जब तक उनके सुपरवाइजर नहीं कहेगे तब तक वह इस मुक़दमे को नहीं लिखेंगे । क्लस्टर हेड एंड इम्पेक्ट बिज़नेस मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले को हमने सीएम हेल्पलाइन 1076 पर भी शिकायत दर्ज करा दिया गया है । मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में यह मामला भी है ।
रिपोर्टर संवाददाता –