उत्तर प्रदेश

जलसा गार्डन बबेड़ी, गाजीपुर में इंसाफ फाउंडेशन द्वारा सांस्कृतिक सौहार्द का संदेश

राष्ट्रीय एकता पर आधारित दो दिवसीय सांस्कृतिक संध्या का भव्य आयोजन

सुजीत कुमार सिंह

जलसा गार्डन बबेड़ी, गाजीपुर में इंसाफ फाउंडेशन द्वारा सांस्कृतिक सौहार्द का संदेश

गाजीपुर –  राष्ट्रीय एकता एवं सांप्रदायिक सद्भाव को समर्पित दो दिवसीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन इंसाफ फाउंडेशन द्वारा भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से 13 और 14 सितंबर 2025 को जलसा गार्डन, बबेड़ी (जिला गाजीपुर) में भव्य रूप से किया गया । यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता का जीवंत प्रतीक बनकर उभरा । दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि संजय कुमार सोनी  (जिला प्रोबेशन अधिकारी) गाजीपुर तथा कार्यक्रम अध्यक्ष एवं सदर विधायक जयकिशन साहू सहित अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया । इस अवसर पर सांस्कृतिक सौहार्द के वातावरण में विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शुरुआत हुई । जबकि कार्यक्रम के पहले दिन लोकगायक रामबचन यादव ने राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक सद्भाव पर आधारित लोकगीतों की प्रस्तुति दी, जो दर्शकों के दिलों को छू गई । उनके गीतों ने यह संदेश दिया कि भारत की विविधता ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है । इस मौके पर (मुख्य अतिथि) संजय कुमार सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि
“भारत विविधता में एकता का प्रतीक है । यहां की अनेक जातियाँ , धर्म , भाषाएँ और संस्कृतियाँ मिलकर एक खूबसूरत माला बनाती हैं , जिसकी डोरी है — राष्ट्रीय एकता । जब हम एक – दूसरे के त्योहारों में भाग लेते हैं । और परस्पर सम्मान करते हैं , तब ही लोकतंत्र फलता-फूलता है।” जनकल्याण परिषद के अध्यक्ष सूर्यनाथ सिंह ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव समाज में आपसी सम्मान और शांति को प्रोत्साहित करता है । (पूर्व मंत्री) सुधीर यादव ने कहा ,
“सांप्रदायिक सौहार्द हमारी सांस्कृतिक पहचान है । और इसे बनाए रखना आज की सबसे बड़ी जरूरत है ।” वहीं
(सदर विधायक) जयकिशन साहू ने अपने अध्यक्षीय भाषण में राष्ट्रीय एकता को देश की मजबूती का मूल आधार बताया और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं को एकता का पाठ पढ़ाते हैं । दूसरे दिन लोकगायिका रिद्धि सिंह ने परंपरागत लोकगीतों के माध्यम से श्रोताओं को राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया । इसके बाद भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के प्रसिद्ध नाटक “बेटी वियोग उर्फ बेटी बेचवा” का सजीव मंचन किया गया। स्थानीय कलाकारों — टिंकल गुप्ता, राहुल चौरसिया, शिवम कृष्ण, तुषार पांडे, रितिक, अभिमन्यु, प्रीतम, खुशी भाग्यलक्ष्मी, शैलेंद्र शर्मा, रिया वर्मा आदि — ने दमदार अभिनय से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। नाटक का निर्देशन आशीष त्रिवेदी ने किया, जिसकी सभी ने सराहना की । तत्पश्चात कार्यक्रम को सफल बनाने में नेहरू युवा केंद्र से सुभाष चंद्र प्रसाद , (समाजसेवी) मुन्ना भारती, राजेंद्र यादव, महेंद्र मिश्रा, राजीव मिश्रा, संजय भास्कर, शिवकुमार यादव, सियाराम यादव, प्रमोद यादव सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा ग्राम प्रधान संजय यादव, गुरु प्रताप, रेशमी देवी, विद्या देवी, पूनम गुड़िया, आकांक्षा, सरिता और अन्य ग्रामीण महिलाओं व पुरुषों ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई । यह दो दिवसीय सांस्कृतिक संध्या न केवल मनोरंजन का माध्यम रही, बल्कि राष्ट्रीय एकता, सांप्रदायिक सौहार्द, सामाजिक समरसता और भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता फैलाने का एक सशक्त मंच भी सिद्ध हुई। इंसाफ फाउंडेशन द्वारा किया गया यह आयोजन निश्चित रूप से समाज में सौहार्द और भाईचारे का संदेश देने में सफल रहा।

रिपोर्टर संवाददाता –

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