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मातृभाषा में शक्ति, संस्कार और संस्कृति है – आचार्य नगेद्र पांडेय (काशी विश्वनाथ न्यास अध्यक्ष)

 

मातृभाषा में शक्ति, संस्कार और संस्कृति है – आचार्य नगेद्र पांडेय (काशी विश्वनाथ न्यास अध्यक्ष)

सुजीत कुमार सिंह

काशी काव्य महोत्सव में कवियों ने कविताओं से जमाया   रंग

गाजीपुर / वाराणसी । हिंदी साहित्य एवं समाज के प्रति समर्पित संस्था रूलर डेवलपमेंट एवं रिसर्च फाऊंडेशन       के तत्वाधान में सनातन गौड़िया मठ सोनारपुरा में चल रहे  दो दिवसीय काशी काव्य महोत्सव कार्यक्रम सम्पन्न । मुख्य अतिथि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के     पूर्व विभागाध्यक्ष आचार्य नागेंद्र पांडेय एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में बीएचयू के प्रोफेसर बृजभूषण ओझा व पटना के मशहूर कवि मधुरेश नारायण रहे । इस कार्यक्रम के संयोजक अरविंद कुमार आजाद “ग्रीनमैन” व संरक्षक विभा रानी श्रीवास्तव ने आए हुए , अतिथियों स्वागत अभिनन्दन किया ।तत्पश्चात पटना के मशहूर कवि रवि श्रीवास्तव एवं अरविंद कुमार आजाद ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को माल्यार्पण कर स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम् से सम्मानित किया । इस कार्यक्रम का संचालन कर रही विभा रानी श्रीवास्तव के निर्देशन में महोत्सव में देश के विभिन्न प्रदेशों से कवि लेखक साहित्यकारो सामाजिक क्षेत्रों की विभूतियां को मुख्य अतिथि आचार्य नागेंद्र पांडेय व विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बृजभूषण ओझा के द्वारा माल्यार्पण व अंगवस्त्रम् एवं ‘काशी काव्य सम्मान’ प्रशस्ति पत्र से सम्मानित से किया गया । इस सम्मान समारोह के समापन सत्र में मुख्य अतिथि नागेंद्र पांडेय जी ने देश के विभिन्न प्रांतो से आए हुए , कवि लेखक साहित्यकार सहित सभी के उज्जवल भविष्य व दीर्घायु होने की कामना की । तथा अपने आशीर्वचन में कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हमारी सांस्कृतिक परंपरा  की जड़े बहुत गहरी हैं ,आज सम्मान कार्यक्रम साझा एवं भारतीय संस्कृति का समापन है। इसके लिए संस्था बधाई की पात्र हैं। भारत की एकता अखंडता संप्रभुता के लिए   ऐसे आयोजन का होना शत् प्रतिशत अनिवार्य है। जिससे समाज में सामाजिक समरसता की भावना जागृत हो और सर्व समाज समृद्धि के मार्ग पर अग्रसरित हो । विशिष्ट अतिथि बृजभूषण ओझा ने कहा कि मातृभाषा की विरासत को बचाए रखना आपके कंधों पर है । काशी काव्य महोत्सव के आयोजन का आगाज चौसठी घाट पर नौका काव्य पाठ से शुरू हुआ था । जिसमें मां गंगा नदी में नौका पर खुली चांदनी के नीचे 3 घंटे तक काव्य पाठ, मुशायरा सहित विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रम हुए । आगे कहा कि विश्व के पटल पर कवि और कविता का बहुत बड़ा महत्व है , इसे जितना तराशा जाए वह उतना ही निखार लाता है। कविताओं के माध्यम से आज इंसानियत का तात्पर्य है , जिसे हर व्यक्ति समझ रहा और पहचान रहा । इस अवसर पर पटना से आए मशहूर शायर मोहम्मद नसीम अख्तर, रवि श्रीवास्तव, प्रवीण श्रीवास्तव, नूतन सिंहा, डॉ उषा सिंहा, अमृता सिंहा, रंजना सिंह, पूनम श्री, प्रेमलता सिंह राजपूत, कमल किशोर वर्मा ‘कमल’, दिल्ली से आए चैतन्य चंदन लखनऊ से आए ,    युवा कवि आनंद आकुल सहित अनेक कवियों ने अपने काव्य रचनाओं से मंच पर समां बांध दी । इसके साथ ही साथ साहित्यिक यात्रा के क्रम में आए हुए , अतिथियों ने दार्शनिक स्थलों का भ्रमण किया । इस संस्था के मीडिया प्रभारी राहुल सिंह सहित काशी हिंदू विश्वविद्यालय की प्रशासनिक अधिकारी वी.के. यादव , इंदिरा आईवीएफ      के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुनील यादव, सबिता सिंह,  डीओसी स्काउट गाज़ीपुर नितेश कुमार, राधेश्याम सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे । इस महोत्सव में संस्था के संरक्षक हरिओम प्रताप यादव कार्यक्रम के सफल समापन एवं आए हुए , अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया।

रिपोर्टर संवाददाता –

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