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समय रहते नही देते तो अगला युद्ध पानी को लेकर हो सकता है’- ग्रीनमैन

समय रहते नही देते तो अगला युद्ध पानी को लेकर हो सकता है’- ग्रीनमैन

सुजीत कुमार सिंह

जखनियां(गाजीपुर)- हर साल 22 मार्च को विश्‍व जल दिवस मनाया जाता है। पानी की बर्बादी को रोकने और लोगों को इसका महत्‍व समझाने के उद्देश्‍य से ये दिन मनाया जाता है।इस अवसर पर गाजीपुर ग्रीनमैन अरविन्द कुमार “आजाद” पानी के घटते जल स्तर पर चिंता जगाई। मालूम हो कि हर साल इस दिन की एक थीम निर्धारित की जाती है. साल 2023 में विश्‍व जल दिवस की थीम यानी ‘परिवर्तन में तेजी’ निर्धारित की गई है। बता दें कि धरती का करीब तीन चौथाई हिस्सा पानी से भरा हुआ है। लेकिन इसमें से सिर्फ तीन फीसदी हिस्सा ही पीने योग्य है और इस तीन प्रतिशत में से भी दो प्रतिशत बर्फ और ग्लेशियर के रूप में है। इन स्थितियों के बाद भी लोग पानी के महत्‍व को नहीं समझ पा रहे हैं। सरकारी मिशनरियां अपने स्तर से जल संरक्षण के लिए तमाम प्रयास कर रही हैं। तालाब, कुएं, नहर वगैरह सूखते जा रहे हैं और नदी का पानी बुरी तरह से दूषित हो गया है। अगर समय रहते इंसानों ने पानी की अहमियत को नहीं समझा तो वो दिन दूर नहीं, जब पूरी दुनिया पानी से संकट से जूझती नजर आएगी।पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के प्रति संकल्पित गाजीपुर ग्रीनमैन अरविन्द कुमार आजाद ने कहा कि इसके लिए समाजसेवी संस्थाओं को भी आगे आना पड़ेगा। तभी जाकर सार्थक परिणाम देखने को मिलेगा।
जल के महत्‍व के साथ व्‍यक्ति को तेजी से गहराते जल संकट की वजह को भी समझना होगा, ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके।इस मामले में पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो आज के समय में विकास के नाम पर बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई जाती हैं। इसके लिए पेड़ लगातार काटे जा रहे हैं, उनकी तुलना में नए पौधे नहीं लगाए जाते। इससे प्रकृति का संतुलन ही गड़बड़ा गया है. जल स्त्रोत सूखते जा रहे हैं। नदियों को कारखानों का कचरा दूषित कर रहा है। भूमिगत जल स्तर नीचे खिसकता जा रहा है। ये सब भविष्‍य के लिए खतरे की घंटी है। अगर समय रहते नहीं संभले तो भविष्‍य में परिणाम बहुत भयंकर होंगे।समय के साथ गहराते जल संकट की स्थिति को दुनिया की कई नामी शख्सियतों ने पहले ही भांप लिया था। इसको लेकर वे भविष्‍य में पानी को लेकर युद्ध होने की भी बात कह चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के छठे महासचिव बुतरस घाली ने करीब तीन दशक पहले ही ये कह दिया था कि अगर समय रहते इंसानों ने जल की महत्ता को नहीं समझा तो अगला विश्वयुद्ध जल को लेकर होगा। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी एक बार अपने भाषण के दौरान लोगों को चेताते हुए कहा था कि ध्यान रहे कि आग पानी में भी लगती है और कहीं ऐसा न हो कि अगला विश्वयुद्ध पानी के मसले पर हो।

रिपोर्टर संवाददाता –

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