जीवनदीप हेल्थ केयर सेंटर हरदासपुर खुर्द हास्पिटल बना गर्भवती महिलाओं के लिए घाटक
जीवनदीप हेल्थ केयर सेंटर हरदासपुर खुर्द हास्पिटल बना गर्भवती महिलाओं के लिए घाटक
सुजीत कुमार ने
नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रसूता को डॉक्टर ने टेंपो में बिठाया, उबड़-खाबड़ रास्ते पर 20 मिनट तक चलाई गाड़ी, बच्चे की मौत; अस्पताल पर क्या हुई कार्रवाई
सुजीत कुमार सिंह
गाजीपुर – जिले में फर्जी अस्पतालों की संख्या बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है । जिस कारण से आए दिन बच्चों की मौत की घटना सामने आ रही है । नया मामला दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के छतमा गांव से सामने आया है । जहां डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात बच्चे की मौत हो गई है ।
गाजीपुर में झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा खोले गए फर्जी अस्पतालों में आए दिन प्रसूता और उनके बच्चे की मौत के मामले सामने आ रहे हैं । इसके बावजूद भी जनपद के प्रत्येक कोने में धड़ल्ले से इस तरह के अस्पताल चल रहे हैं । फिर भी स्वास्थ्य विभाग इन घटनाओं पर मौन नजर आ रहा है । ऐसा ही एक मामला बिते शनिवार को दुल्लहपुर इलाके से सामने आया है । जहां एक फर्जी अस्पताल में एक गर्भवती महिला ने सिजेरियन ऑपरेशन से बच्चे को जन्म दिया । लेकिन कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गई । यह मामला दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के छतमा गांव की रहने वाली अनीता देवी को शुक्रवार की रात में प्रसव पीड़ा हुई । इसके बाद परिजन अनीता को गांव में ही स्थित एक झोला छाप डॉक्टर की हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए ले गए । जहां पर डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी की बात कही और इसको लेकर उसने महिला को कई इंजेक्शन लगा दिए । इंजेक्शन लगाने से भी जब बात नहीं बनी तो डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी कराने के लिए महिला को एक टेंपो में लिटा दिया और करीब 15 – 20 मिनट तक उबड़-खाबड़ रास्ते पर घुमवाया ।
ऑपरेशन के लिए मांगे पचास हजार रुपए –
इसके बाद भी महिला को जब नॉर्मल डिलीवरी के लिए दर्द नहीं हुआ । तो डॉक्टर ने महिला को हरदासपुर खुर्द के बिना पंजीकरण चल रहे , जीवनदीप हेल्थ केयर सेंटर पर भर्ती कराया । वहां पर भी नॉर्मल डिलीवरी की बात कह कर उसे एडमिट किया गया । लेकिन देर रात डॉक्टर के द्वारा बताया गया कि ऑपरेशन करना पड़ेगा और इसके लिए उसे करीब पचास हजार रुपए जमा करने होंगे ।
मृत बच्चे को लेकर फरार हुआ डॉक्टर –
परिजनों ने पैसे देने की बात कही और उसके बाद रात करीब डेढ़ से दो बजे के आसपास महिला की डिलीवरी हुई । डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि मृत बच्चा पैदा हुआ है । बस फिर क्या था परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया । हंगामा को बढ़ता देख डॉक्टर मृत बच्चे को लेकर भाग गया । जिसकी जानकारी परिजनों ने पुलिस को दी । तत्पश्चात घटना की जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची । जहां पुलिस ने डॉक्टर और अन्य स्टाफ को फोन कर मृत बच्चे को लेकर आने की बात कहीं । पुलिस की बात को मानते हुए , डॉक्टर मृत बच्चे को लेकर आया । पुलिस मृतक बच्चे और महिला को लेकर थाने पहुंची. जहां से महिला को इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा गया है ।
स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में दिया नोटिस –
इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी देश दीपक पाल ने मामले की जांच के लिए डॉक्टर शिशिर शैलेश को मौके पर भेजा । जहां डॉक्टर ने अस्पताल की गहनता से जांच के बाद से अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दिया ।. वहीं, नोटिस में दो दिनों के अंदर जवाब दाखिल करने की बात कही है । विभाग ने जवाब दाखिल नहीं करने पर कार्रवाई की बात भी कही है ।
रिपोर्टर संवाददाता –