उत्तर प्रदेश

डॉ. सच्चिदानंद सिंह को पीएचडी की डिग्री मिलते ही परिजनों सहित शुभचिंतकों में हुआ खुशी का माहौल

कड़ी मेहनत और अथक प्रयास कभी बेकार नहीं होता –   डॉ,. सच्चिदानंद सिंह

डॉ. सच्चिदानंद सिंह को पीएचडी की डिग्री मिलते ही परिजनों सहित शुभचिंतकों में हुआ खुशी का माहौल

गाजीपुर – पहाड़पुर क्षेत्र में स्थित बासूचक गांव निवासी कमलदेव सिंह के पुत्र सच्चिदानंद सिंह की एचडी पूरा होने  के बाद डॉक्टर की उपाधि मिलने पर परिजनों सहित शुभचिंतकों में खुशी का माहौल उत्पन्न हो गया । जानकारी के अनुसार डॉ. सच्चिदानंद सिंह एक साधारण परिवार के रहने वाले थे । उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिक्षा ध्रुव बाल विद्या मंदिर बासुचक में शुरआत हुई , तत्पश्चात शिक्षा के प्रति  गहरी रुचि विकसित करने वाले सच्चिदानंद सिंह उच्च माध्यमिक शिक्षा के लिए वे वाराणसी के प्रसिद्ध उदय प्रताप इंटर कॉलेज गए , जहां वे अपनी मेहनत और लगन से शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल करते हुए , डॉ. सिंह मुंबई के घाटकोपर स्थित रामनिरंजन झुनझुनवाला कॉलेज में दाखिला लिया । फिर यहां पर अपनी प्रतिभा का ऐसा प्रदर्शन करते हैं कि कॉलेज के टॉपर बन जाते हैं और लॉजिक विषय से विश्वविद्यालय के परीक्षा में 100 में से 100 अंक प्राप्त करते हैं, जो उनकी अद्वितीय बौद्धिक क्षमता का प्रमाण है । वहीं स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद डॉ. सच्चिदानंद सिंह मुंबई विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त करते हैं। वे अपने मास्टर्स को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए , उसी वर्ष  नेट और सेट परीक्षा भी उत्तीर्ण करते हैं। उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और शोध के प्रति समर्पण को देखते हुए, उन्हें यूजीसी से जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्रदान की जाती है । जिसके तहत वे अपनी पीएचडी की पढ़ाई शुरू करते हैं। उनका पीएचडी शोध “सामाजिक विज्ञान की कार्यप्रणाली” पर आधारित है । जो पीएचडी के दौरान, डॉ. सच्चिदानंद सिंह शिक्षण कार्य भी करते रहते हैं। वे दो साल से अधिक समय तक ठाणे के जोशी बेडेकर कॉलेज में अध्यापन का कार्य करते हैं। इसके बाद वे मुंबई के प्रसिद्ध मिथिबाई कॉलेज में जाकर 2017 से पढ़ा रहे होते हैं। अपनी मेहनत और समर्पण के कारण वे मिथिबाई कॉलेज में दर्शनशास्त्र विभाग के प्रमुख बनाये जाते हैं। उनके कार्यकाल में मिथिबाई कॉलेज का दर्शनशास्त्र विभाग, इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा भारत का सर्वश्रेष्ठ दर्शनशास्त्र विभाग घोषित किया जाता है । तत्पश्चात डॉ. सच्चिदानंद सिंह का शैक्षणिक सफर उनके कठिन परिश्रम, समर्पण और उत्कृष्ट बौद्धिक क्षमताओं का जीवंत उदाहरण है। उनकी उपलब्धियाँ शिक्षा के क्षेत्र में उनकी अद्वितीयता और निरंतर विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनी हुई हैं । डॉ सच्चिदानंद सिंह को डॉक्टर की डिग्री मिलते ही उनके परिजनों सहित शुभचिंतकों में खुशी का माहौल रहा ।  डॉ सच्चिदानंद सिंह  ने बताया कि इस सफलता के पिछे हमारे परिजनों व गुरुजनों के आशीर्वाद से सफलता हासिल हुआ है ।

रिपोर्टर संवाददाता –

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