क्षत्रिय महासभा ने लिया जैन धर्म बचाने का संकल्प*
*क्षत्रिय महासभा ने लिया जैन धर्म बचाने का संकल्प*
सुजीत कुमार सिंह
गाजीपुर :: क्षत्रिय महासभा युवा ने भगवान महावीर की जयंती पर जैन धर्म को समर्थन देने का संकल्प लिया है । आज दिन रविवार को जिला मुख्यालय पर जैन धर्म के प्रवर्तक स्वामी महावीर को याद किया गया । जिसमें क्षत्रिय महासभा युवा के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि हम जैन धर्म बचाओ आंदोलन को समर्थन करते हैं। हमारे संविधान में किसी भी धर्म की मान्यताओं पर आघात करना दंडनीय अपराध माना गया है। जैन धर्म के चौबीसों तीर्थंकर क्षत्रिय रहे । और ज्यादातर संत व अनुयायी आज भी क्षत्रिय हैं। अल्पसंख्यक हो चले जैन समाज के साथ क्षत्रिय समाज अपने आपको आहत महसूस कर रहा है। इसके लिए पूरा क्षत्रिय समाज जैन धर्म के अनुयायियों के साथ है । उनके धार्मिक प्रसार प्रचार का समर्थन करते हैं। जैन धर्म की स्थापना भारत के पहले चक्रवर्ती राजा भरत के पिता ऋषभदेव ने की थी । विष्णु पुराण और भागवत गीता में ऋषभदेव को नारायण के अवतार के रूप में वर्णन किया गया है। ऋषभदेव के बाद जैन धर्मं में 23 अन्य तीर्थंकर हुए। जैन धर्म 24 वें तीर्थंकर वर्द्धमान महावीर के समय में अधिक लोकप्रिय हुआ । सभी तीर्थंकरों का संबंध क्षत्रिय कबीले और शाही परिवार से था । जैन धर्म के अनुसार मोक्ष या निर्वाण की प्राप्ति तीर्थंकरों की सबसे महत्वपूर्ण इच्छा थी । आज भी देश में अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक हो चला जैन समुदाय सबसे समृद्ध, शिक्षित, शांत और अहिंसक कौम के रूप में जाना जाता है। धर्मनिरपेक्ष देश भारत में जैन धर्म के सभी अनुयायियों को क्षत्रिय समाज अपने कुल का एक अंश मानता है।
रिपोर्टर संवाददाता –